नारी संसार
नारी संसार क्षितिज उपाध्याय “किशोर” माँ के रूप में ममता है, नारी पत्नी के रुप में अप्सरा है, नारी बहु के रूप में फर्ज है, नारी पिछले जन्म का कर्ज़…
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हिंदी कविता
नारी संसार क्षितिज उपाध्याय “किशोर” माँ के रूप में ममता है, नारी पत्नी के रुप में अप्सरा है, नारी बहु के रूप में फर्ज है, नारी पिछले जन्म का कर्ज़…
रिश्वतखोरी क्षितिज उपाध्याय “किशोर” हर आदमी का बना रिश्वत ईमान क्या, यही है मेरा भारत महान? हर पल असूलों का होता, अपमान जहां सिर्फ भरी, जेब का होता सम्मान। क्या…
उस दिन दुल्हन के लाल जोड़ें में नफरत फैलाया होगा क्षितिज उपाध्याय “किशोर” उस दिन दुल्हन के लाल जोड़ें में नफरत फैलाया होगा , टीचर और कुछ सहेलियों ने उसे…