नेता जी

क्षितिज उपाध्याय “किशोर”

नेता बुजुर्ग ,
खुद को समझते है ,
जैसे चिड़ियों के बीच सुतुर्मुग ,
ये बुजुर्ग हड्डियों की ठठरी ,
उपदेश की गाठरी
जब खोलते है ,
तो सुनते नहीं सिर्फ बोलते की,
” इतना चलेगा या दो चार झूठ और बोल दू ।
नहीं तो घोटाला करते फिरो,
देश कोअ बदनाम करते फिरो।

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