मेरी बगिया 2 My garden 2 hindi poems poetry kavita balkavita Dr. G. Bhakta बालकविता

 मेरी बगिया

 सुन्दर लगती मेरी गगिया ।

 हरी – भरी है जिसकी पतिया ।।

 फल- -फूलों का है भंडार ।

 नींबू , अमरुद और अनार ,

 लीची , आम , पपीता , केला ।

 कितना मीठा और रसीला ।।

 भीनी – भीनी गंध सुहानी ।

 गीत सुनाती कोयल रानी ।।

 भौंरे और तितलियाँ उनपर ।

 बच्चे दौड़े गाना सुनकर ।।

 लगे खेलने हो गयी शाम ।

 बड़े खुश थे खाकर आम ।।

 बोला घर पर सुनलो गुड़िया ।

 सबसे सुन्दर मेरी बगिया ।।

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