यह देश हमारा प्यारा
स्वर्ग से सुंदर देश हमारा, भारत जिसका नाम।
यह देश हमारा ,
है जग से प्यारा ।
जहाँ सिंधु लहराता .
जहाँ बादल मंडराता ।
बरसती रिम – झिम बूंदे ,
जगत की प्यास बुझाता ।।
ये बहकर नदियाँ सारी ,
मनुज को सीख सिखाती ।
सतत तुम बढ़ते रहना ,
ये सरिता याद दिलाती ।।
कि मैं पत्थर की बेटी .
कभी न सुख से हटी ।
हर पल गाती मुस्काती
खेतों की उपज होती ।
ये पर्वत जंगल सारे,
जो लगते हमको न्यारे
हैं बड़े काम के ये सब ,
ये सबकों लगते प्यारे ।।
ये खान और खलिहान ,
सबकों देते सम्मान ।
है जीवन जिन पर निर्भर ,
वह धरती का वरदान ।।
क्या दिल्ली क्या मद्रास ,
क्या मुम्बई क्या कोलकत्ता ।
सब देख दंग रह जाते ,
क्या शहर बना अलवत्रा ।।
यह टाटा और चितरंजन ,
जहाँ पर बनते है सब इंजन ।
बैंगलौर मिलाई इसका ,
है हृदय विशाखापटनम ।।
ये गंगा सरयू यमुना ,
जीवन का लेकर सपना ।
हैं जुटी युगों से इसमें ,
इतिहास बनाकर अपना ।।
जहाँ राम , कृष्णा और सीता ,
जहाँ वेद , रामायण गीता ।
जिसके बतलाये पथ पर ,
सब ज्ञान का अमृत पीता ।।
बुद्ध , गाँधी और महावीर ने ,
हमें शान्ति का मार्ग बताया ।
गुरुदेव ने अपने श्रम से ,
भारत का सम्मान बढ़ाया ।।
सन्त कवीर , सूर और तुलसी ,
भक्ति के स्तम्भ बने हैं ।
और सम्मान दिलकर
जीवन के अवलम्ब बने हैं ।
हमें गर्व है इसके उपर
सबसे सुन्दर देश हमारा ।
नही मिलेगा दूसरा जगमे ,
ऐसा है यह जग से न्यारा ।।
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जियें सभी हम जग के खातिर ,
ऐसा हो उद्देश्य हमारा ।
प्रेम और सद्भाव बढ़ायें ,
जीवन का यह लक्ष्य हमारा ।।
नर नारी का एक लक्ष्य हो ,
जीवन में हम ज्योति जलायें ।
पथ में बाधाओं के चलते
कभी न मुड़ना मन में लायें ।।
👌👌👌