ऐसा लगता है, की जैसे खत्म मेला हो गया , सोचता हूं कैसे खुद को शादी के लिए समझाया होगा?
ऐसा लगता है, की जैसे खत्म मेला हो गया, अब उड़ जाएगी, आंगन से चिड़िया घर अकेला हो जायेगा। उस दिन मेरी दोस्त को दुर जाने का ख्याल आया होगा…
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ऐसा लगता है, की जैसे खत्म मेला हो गया, अब उड़ जाएगी, आंगन से चिड़िया घर अकेला हो जायेगा। उस दिन मेरी दोस्त को दुर जाने का ख्याल आया होगा…
गरीब और मजदूर 1:-सियासी असूल में, जो आग लगती हैं। पर उसमें अक्सर, गरीब ही जलाते हैं। जहां से कभी, हम चले थे। आज भी वही, खड़े हो गये ।…
शाहजहां तेरी मोहब्बत छोटी, पड़ गई इसके आगे। 1:- शाहजहां तेरी मोहब्बत छोटी, पड़ गई इसके आगे। दिल्ली से आंशिक को पैदल, कांधे पर लाने के आगे। मजदूर था, वो…
कोरोना का क्रन्दन बढ़ी विपदा जब धरती पर हुआ देवगण का अवतार । बढ़ा पाप तो आया दुर्दिन , फैला जग में अत्याचार ।। यही परम्परा बन कर रह गयी…
Lockdown 2. तुमने पहली बार किया है, मैंने तो सदा से ही, लॉकडाउन जिया हूं। मुझे रत्ती भर फरक नहीं पड़ता, कौन-सा होटल बंद, कौन-सा बाजार खुला है। मेरे लिए…
बड़ी अजीब सी है ये जिंदगी अपनी छोटी – सी खुशी के लिए कई लोगो की खुशी की कली को मुरझा देते है। ओ कली, कितनो का खुशीयो का कली…