नेता जी
नेता जी क्षितिज उपाध्याय “किशोर” नेता बुजुर्ग , खुद को समझते है , जैसे चिड़ियों के बीच सुतुर्मुग , ये बुजुर्ग हड्डियों की ठठरी , उपदेश की गाठरी जब खोलते…
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हिंदी कविता
नेता जी क्षितिज उपाध्याय “किशोर” नेता बुजुर्ग , खुद को समझते है , जैसे चिड़ियों के बीच सुतुर्मुग , ये बुजुर्ग हड्डियों की ठठरी , उपदेश की गाठरी जब खोलते…
साड़ी बीच नारी है, की नारी बीच साड़ी क्षितिज उपाध्याय “किशोर” साड़ी बीच नारी है, की नारी बीच साड़ी, साड़ी ही की नारी है, नारी ही की साड़ी, पाँच गज…
प्रेम शिकार क्षितिज उपाध्याय “किशोर” मेरे दिल की बगिया में फूल बन आयी थी, भावों के बगिया में भौरा बन गुनगुनायी थी, साथी बनकर मंदिर में खुशियों को सजायी थी,…
नेता जी क्षितिज उपाध्याय “किशोर” कहते है ,नेता जी यह बिमारी है? कौन-सी है,जो मेरी रिपोर्ट में लिखा है,जो कुछ भी राजनितिक की भाषा है। लिखा है ,मेरा रिपोर्ट में…
भौतिक का इतिहास क्षितिज उपाध्याय “किशोर” ज्यों-ज्यों आए भौतिक का याद, त्यों-त्यों दिल धड़के। बिना बादल बरसात रात भर, बिजली-सी कड़के। काश इस धरती पर Newton, पैदा न होता। भौतिक…
नवोदय से नवोदय, प्रवेश के बाद क्षितिज उपाध्याय “किशोर” मुझे नवोदय सारण ने भेजा, और नवोदय में कहां दम था। मुझे जहां भेजा गया वहां पानी ही कम था। मुझे…