गीत बनकर जी रहे है , क्या सुनाउँ गीत क्या श्रद्धांजलि अर्पित कर मैं।
गीत बनकर जी रहे है क्या सुनाउँ गीत क्या श्रद्धांजलि अर्पित कर मैं । दर्द लेकर इस हृदय की , आह चर्चित क्यों कर मैं ।। बोधकर विज्ञान का ,…
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हिंदी कविता
गीत बनकर जी रहे है क्या सुनाउँ गीत क्या श्रद्धांजलि अर्पित कर मैं । दर्द लेकर इस हृदय की , आह चर्चित क्यों कर मैं ।। बोधकर विज्ञान का ,…
श्रद्धा सुमन हर पल , हर दिन , हर वर्ष , आदिकाल से ही जैविक सृष्टि का सिरमौर , शिशु , बालक , कशोर , युवा प्रौढ और वयोवृद्ध ,…
फूलवारी मेरी छोटी इस बगिया में फूल खिले है इतने । आसमान में जगमग करते रहते तारे जितने । । नीले , पौले , हरे , गुलाबी , लाल नारंगी…
श्रद्धांजलिजा राही , पथ दिखा हमें , नित नूतन दिशा प्रगति का । तेरा जीवन पाथेय बनो इस दिशा विहीन जगति का । । ओ सिपाही ! जागृति के प्रहरी…
वसन्त फैली खेतों में हरियाली । निकली जौं गेहूँ में बाली । लगती धरती शोभशाली । भरती लोगों में खुशहाली । । 1 । । फूली सरसो पीली – पीली…
विज्ञान धरती के धरातल पर आकर , विज्ञान ने कब्जा कर डाला । वरदान बना दुनियाँ के लिये , समाधान जगत का कर डाला ।। जीवन की जरुरत पूरी की…