पुत्रिया ,पुत्रियाँ उपवन की कलियाँ हैं, सृष्टि की शास्वत संचालिका हैं
पुत्रिया पुत्रियाँ उपवन की कलियाँ हैं । सृष्टि की शास्वत संचालिका हैं । संस्कृति की पालिका हैं । मातृत्त्व की साधिका हैं । जगत की मातृका हैं । प्रकृति की…
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पुत्रिया पुत्रियाँ उपवन की कलियाँ हैं । सृष्टि की शास्वत संचालिका हैं । संस्कृति की पालिका हैं । मातृत्त्व की साधिका हैं । जगत की मातृका हैं । प्रकृति की…
जागो हे जगत पति जगदीश डा० जी० भक्त जग के पालक जन प्रति पालक ।हे परमेश्वर जन सुख दायक ।।कण – कण में जो सदा व्यापता ।तू ही दया निधि…
गौरव और सौरभ बिहार का डा० जी० भक्त कान खोलकर सुन ले दुनियाँ राज्य की गाथा पुरानी ।नित सुनाती थी मुझे जब गीत गाकर वृद्ध नानी ।।मगध का इतिहास गौरव…
काव्य कुंज डा ० जी ० भक्त इन बाल कविताओं में , जो मुखर हो रहे बालक । जो बन रहे भारत माँ के , यान के संचालक ।। क्या…
कहानी अठन्नी की एक थे नाना एक थी नानी । दोनो ने मिल रची कहानी ।। दीन – हीन पर पुरूष प्रवीण । आदर्श मय जीवन सोच नवीन ।। असन…
Hope A Glamorous Nation Since Tomorrow And The Globe As Well Dr. G. Bhakta O dear babe And young together. Have a plentiful play and pleasure. Health, happiness and harmony.…