काव्य कुंज कलिका ( कविता संग्रह ) / Kavya Kunj Kalika (Poetry Collection)

प्रस्तुत कविता-संकलन “काव्य कुंज कलिका” जो मेरे द्वारा संकलित किया गया है। जो कविताओं का प्रेरणा संकलन है। इस के अंतर्गत आने वाले, हिंदी व अहिंदी भाषी क्षेत्रों के बीच…

विघटन कारी शक्तियाँ और सहिंसा, आतंक वाद से डरो मत

विघटन कारी शक्तियाँ और सहिंसा डा. जी. भक्त आतंक वाद से डरो मत ,अहिंसा का व्रत अपनाओ ।क्रोध , लोभ अपमान भूलकरसतत प्रेम का क्षेत्र बढ़ाओ ।।जीना है तो त्याग…

स्वतंत्र भारत, तुझे नमन ! तेरा खिला रहे चमन !! हम एक अरब चालीस करोड़ जन ।

स्वतंत्र भारत डा. जी. भक्त तुझे नमन ! तेरा खिला रहे चमन !! हम एक अरब चालीस करोड़ जन ।जो रच रहे अपना सुखमय जीवन ।। खेत खलिहान वन बाग…

रक्षाबन्धन, आया राखी का त्योहार, खूब सजा है शहर बाजार ।

रक्षाबन्धन डा. जी. भक्त (वैशाली, बिहार) आया राखी का त्योहार ।खूब सजा है शहर बाजार ।।निखर रहा बहनों का प्यार ।घर- घर में फैला मनुहार ।।इसे बनाओं मत व्यापार ।पर्व…

सावन आयो रे , बहुत बदलाव लायों रे, सरिव सावन रें

सावन आयो रे डा. जी. भक्त सावन आयो रे , बहुत बदलाव लायों रे ।सरिव सावन………………………………..रें ।।सब दिन सावन था मन भावन , आज नसावन रें ।तेज हवा दिन रात…

प्रार्थना, ब्रह्म सृष्टि और देव अनेको, गुरु पितु-मातु फिर मित्र घनेरो।

प्रार्थना श्रुति (वैशाली, बिहार) ब्रह्म सृष्टि और देव अनेको । गुरु पितु-मातु फिर मित्र घनेरो ।। भूमि धेनु सरिता फिर पर्वत । तरु फल फूल बादलनभ वर्षत ।। जिनका कृपा…