आज का हिंदी दिवस
आज का हिंदी दिवस क्षितिज उपाध्याय “किशोर” कसम हिंदी की खाने को, बर्षो भर न निभाने को, पर क्या करने को? इंडिया हमारी कंन्ट्री है हिंदी बोलना हमारी ड्यूटी हैं…
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आज का हिंदी दिवस क्षितिज उपाध्याय “किशोर” कसम हिंदी की खाने को, बर्षो भर न निभाने को, पर क्या करने को? इंडिया हमारी कंन्ट्री है हिंदी बोलना हमारी ड्यूटी हैं…
दिल कहत हैं। क्षितिज उपाध्याय “किशोर” जरा आगे देखो, जरा गौर से देखो, जरा ध्यान से देखो, जरा मेरे रूप को देखो, जमानें के पीछे क्या हैं? मेरे आँखों को…
बच्ची के जन्म क्षितिज उपाध्याय “किशोर” आज अखबार में , यह खबर आई। लोगों ने अपनी, अंगुली चबाई। हंसाती हुई जन्मी, एक बच्ची। देखने में है, बहुत ही अच्छी। लोगों…
“बच्ची” माँ से क्षितिज उपाध्याय “किशोर” मेरा जीवन कोरा कागज का, कोरा न रह जाये। मेरे जन्म से पहले, भ्रूण हत्या न किया जाये। मेरी जन्म बाद ही, आपकी खुशी…
नारी संसार क्षितिज उपाध्याय “किशोर” माँ के रूप में ममता है, नारी पत्नी के रुप में अप्सरा है, नारी बहु के रूप में फर्ज है, नारी पिछले जन्म का कर्ज़…
रिश्वतखोरी क्षितिज उपाध्याय “किशोर” हर आदमी का बना रिश्वत ईमान क्या, यही है मेरा भारत महान? हर पल असूलों का होता, अपमान जहां सिर्फ भरी, जेब का होता सम्मान। क्या…