जीवन में कर्म
जीवन में कर्म क्षितिज उपाध्याय “किशोर” हर दिन कर्म करते है, लोग जिसको याद करते है, सब लोग सब कुछ कॉपी करते है, लोग कर्म नहीं करते भी है, लोग…
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जीवन में कर्म क्षितिज उपाध्याय “किशोर” हर दिन कर्म करते है, लोग जिसको याद करते है, सब लोग सब कुछ कॉपी करते है, लोग कर्म नहीं करते भी है, लोग…
नेता न.1 से 10 क्षितिज उपाध्याय “किशोर” नेता न.I पास में रखे गन। नेता न. II खाये शू। नेता न. III गारी में चढ़े फ्री। नेता न. IV पूरा है…
नेता जी क्षितिज उपाध्याय “किशोर” नेता बुजुर्ग , खुद को समझते है , जैसे चिड़ियों के बीच सुतुर्मुग , ये बुजुर्ग हड्डियों की ठठरी , उपदेश की गाठरी जब खोलते…
साड़ी बीच नारी है, की नारी बीच साड़ी क्षितिज उपाध्याय “किशोर” साड़ी बीच नारी है, की नारी बीच साड़ी, साड़ी ही की नारी है, नारी ही की साड़ी, पाँच गज…
प्रेम शिकार क्षितिज उपाध्याय “किशोर” मेरे दिल की बगिया में फूल बन आयी थी, भावों के बगिया में भौरा बन गुनगुनायी थी, साथी बनकर मंदिर में खुशियों को सजायी थी,…
नेता जी क्षितिज उपाध्याय “किशोर” कहते है ,नेता जी यह बिमारी है? कौन-सी है,जो मेरी रिपोर्ट में लिखा है,जो कुछ भी राजनितिक की भाषा है। लिखा है ,मेरा रिपोर्ट में…