मैं कर रही हूँ इंतजार यहाँ
श्वेता सिन्हा (पटना, बिहार)
मैं कर रही हूँ
इंतजार यहाँ,
इस बार जो आओ मिलने
तो खुद को पुरा लाना।
खामोशियों में इश्क़ थोड़ा
कम ठहरता है,
तो आते वक्त अपने संग
कुछ बातें ले आना।
तुम्हारा तो पता नहीं
पर बातें, मैं बहुत करती हूँ,
तो मुझे सुनने के लिए,
तुम थोड़ा वक्त उधार ले आना।
हम साथ में अच्छे लगते थे,
ऐसा कहते थे सब,
शायद लग गयी हो,सबकी नजर
तो अब, सबकी नजरों से बच कर आना।
ये दिन का शोर और ये हलचल
शायद, मन बदल दे तुम्हारा
तो रात के अंधेरे में, सुकून से
तुम मुझसे मिलने आना।
बशर्ते, ध्यान रहे
इस बार जो आए तो
मैं जाने न दूंगी,
तो गर जज्बातो के तुफान से
घिर चुके हो तुम,
इच्छाओ ने तांडव मचाया हो
तुम्हारे दिल में,
मुझसे मिलने को ,
तभी आना वरना
वहीं रुक जाना।
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