दो अक्टूबर
दो अक्टूबर ।
इतिहास का धरोहर ।।
महानता का शोधक ।
सत्यम अहिंसा का उद्घोषक ।।
सादगी का पोषक ।
स्वतंत्रता का धोतक ।।
प्रतिक बना शान्ति का ।
अहिंसक क्रान्ति का ।।
यादगार महात्मा गांधी का ।
और लाल बहादुर शास्त्री का ।।
भारत माता के सपूत ।
स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत
सावर मती के संरक्षण ,
जिन्हें जानता है दिग – दिगंत
दीनों अछूतों के नायक
श्रम शिक्षा सेवा और स्वस्थता के प्रचारक ,
ग्रामोद्योग के अन्वेशी ,
ग्राम स्वराज्य के पक्षधर
दाण्डी नोआखाली में अग्रसर
जन – जन के हितकारक
विरला मंदिर के गायक
जय जवान जय किसान के प्रवर्तक राष्ट्रीय एकता के समर्थक को देशवासियों का हार्दिक नमन प्रेषित करते है झूककर , साक्षी वना आज दो – अक्टूबर ।।