वक्त लगेगा..!

सुनो ! ज़रा देर से आना , वक्त लगेगा
की जख्म अभी नासूर हैं , भरने में वक्त लगेगा |
तुमसे जो सीखा हैं , उसे आज़माने में वक्त लगेगा
की जख्म अभी नासूर हैं , भरने में वक्त लगेगा ||
आज फिर से बरसात आई हैं ,
और तुम्हारी यादें भी साथ लाई है ,
मगर इन यादों को , भुलाने में वक्त लगेगा ।
यूँ तुम्हे फिर से अपनाने मे वक्त लगेगा ||
सुनो ! ज़रा देर से आना , वक्त लगेगा ,
तुम्हारे किए वादो को भुलाने में वक्त लगेगा
तुम्हे फिर से समझने मे वक्त लगेगा
यूँ तो हर जगह फैली तन्हाई हैं ,
मगर उसमे भी तुम्हारी ही परछाई है ,
यूँ तुम्हे पराया बनाने में वक्त लगेगा |
मगर फिर से तुम्हे अपनाने मे भी वक्त लगेगा |
सुनो । ज़रा देर से आना ,
जख्म अभी नासूर है , भरने में वक्त लगेगा ||
अब तुमसे क्या बताऊं मैं , की तुम्हारे बिना अधूरी हूँ ,
तुम्हारे नाम के साथ ही तो पूरी हूँ मैं ,
मगर इन जज्बातो को बयाँ करने में वक्त लगेगा
कि जख्म अभी नासूर हैं , भरने में वक्त लगेगा ||

Swati Sharma
Jnv Saran Bihar (2010-17)
City:- Muzaffarpur (Bihar)
Studying ICMAI ( Institute of cost Accountants of India)

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