1:- मैं तेरा हूँ ,
तु मेरी है ,
समझाऊँ कैसे ,
दुनिया करे,
हज़ार सवाल,
अपने मोहब्बत,
को बचाऊ कैसे।
2:- अपना हिस्सा मांग कर देखे,
सारे रिश्ते बेनकाब हो गए ।
अपना हिस्सा छोड़ कर देखे ,
सारे कांटे गुलाब हो गए ।
कुछ तो रिश्ते हद कर गए,
तू कौन है मैं जानता ही नहीं।
3:- न जाने मेरे रिश्ते ,
कितने सफ़ेद रूमा को,
आँखे के आंसू और
होठों की लाली,
गीले और लाल कर दिए,
आज ओ अनजान बनते हैं।
4:-मेरे पोस्ट पर तेरा
स्टेटस बदल जाना
हर एक पोस्ट पर
comments आना ।
तेरा कहते कहते रुक जाना ,
कह कर फिर पलट जाना ,
और फिर चुप हो जाना,
किताब खुली रह जाती है
कुछ लाइनों पर ही
रात निकल जाती है
नींद आती नहीं
याद जाती नहीं है ।
@क्षितिज_उपाध्याय_”किशोर”
@क्षितिज_उपाध्याय_”किशोर” |