नया वर्ष ,गया दिसम्बर जनवरी आयी , घर – घर में खुशियाली छायी ।
नया वर्ष गया दिसम्बर जनवरी आयी । घर – घर में खुशियाली छायी ।। छूट रहा है आज पटाखा । खत्म हुआ सब कष्ट निराशा ।। खायें , खेले लिए…
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हिंदी कविता
नया वर्ष गया दिसम्बर जनवरी आयी । घर – घर में खुशियाली छायी ।। छूट रहा है आज पटाखा । खत्म हुआ सब कष्ट निराशा ।। खायें , खेले लिए…
भूल किसकी 1 कह सकता है कोई मुझकों राष्ट्र का द्रोही । चल बतलाये जनमत उसने कैसे खो दी ।। देश आपका ही था , मतदाता थे अपने । सेवा…
गिरती गरिमा का परिदृश्य 1 हम भरत के वंश हरि के दंत गनिते । दिव्य वेदों की ऋचायें याद करते ।। आज गरिमा जो हमारी गिर रही है । और…
नया वर्ष और दम तोडता भारत वर्ष डा ० जी ० भक्त नये वर्ष में कैसे हर्ष मनाएँ हम । करते करते घोर प्रतिक्षा टूटा दम ।। कोविद -19 का…
देश देव मंदिर 1 देश देव मंदिर है भवन उच्च भावों का । खनिज , खान , उद्यान , भोज्य भंडारों का ।। ज्ञान और विज्ञान केन्द्र सब विधि विधानों…
गुण – दोष 1 आज्ञा पालन हमें दिलाता स्नेह बड़ों से । सेवा और नम्रता गुण है श्रेष्ठ सबों से ।। सत्कर्म सदा फुलता – फलता यश पुण्य प्रदाता ।…