जंग जीवन देन के लिए, जान लेने के लेने नहीं
जंग जीवन देन के लिए, जान लेने के लेने नहीं डा० जी० भक्त (1) काल के गाल से गुजरती मानवता को,शान्त्वना का संदेश कितना धीरज बंधायेगा ?जुझती समस्या की आग…
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हिंदी कविता
जंग जीवन देन के लिए, जान लेने के लेने नहीं डा० जी० भक्त (1) काल के गाल से गुजरती मानवता को,शान्त्वना का संदेश कितना धीरज बंधायेगा ?जुझती समस्या की आग…
एक ही म्यान के दो तलवार डा० जी० भक्त यह देश भारत वर्ष है, इसका अलग आदर्श है।जितता सदा संघर्ष है, देता सदा उत्कर्ष है ।।आये वतन में वीर द्वय…
मेरी जिंदगी शालिन्दी (सिवान, बिहार) अपनी जिन्दगी पे किताब लिखूंगी,उसमे सारे हिसाब लिखूंगी,प्यार में बेरोजगारी लिख कर । चाहतो को जिम्मेदारियों के बाद लिखूंगी । ।अपनी जिन्दगी पे किताब लिखूंगी,और…
“मुझे थोड़ा और रुकना था” प्रियशी सूत्रधर (धलाई, त्रिपुरा) “मुझे थोड़ा और रुकना था”प्रियशी सूत्रधर,आखिर एक दिनमेरे दिमाग ने दिल सेयह सवाल पूछ ही लिया,आखिर तुमने खोया ही क्या ?जो…
पुत्र V/S कोरोना राजु कुमार राम ( सिवान, बिहार ) बड़ी मुश्किल से एक चिराग जला था ।उसे हरपल कोरोना से बचाया था,सब लोगो ने ये जाना था ।कोरोना संकट…
कितने अपने से लगते हो तुम बिपिन कुमार (पटना, बिहार) कितने अपने से लगते हो तुमजबकि जालिम दुनिया की नजरों मेंकितना जुदा मुझसे रहते हो तुम ।न मिलना एक पल…