चन्द्रारोहण, परमार्थ परमात्मा का
चन्द्रारोहण, परमार्थ परमात्मा का डा० जी० भक्त जनमंगल मुद मंगलकारी, तूही हो वनवारी ।तेरी धरती अन्नपूर्ण है शस्य श्यामला सारी ।।नील गगन सागर नीला है सूरज चाँद सरोवर ।वन उपवन…
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हिंदी कविता
चन्द्रारोहण, परमार्थ परमात्मा का डा० जी० भक्त जनमंगल मुद मंगलकारी, तूही हो वनवारी ।तेरी धरती अन्नपूर्ण है शस्य श्यामला सारी ।।नील गगन सागर नीला है सूरज चाँद सरोवर ।वन उपवन…
स्वतंत्रता दिवस डा० जी० भक्त स्वतंत्रता दिवस का अत्सवपन्द्रह अगस्त अब तक ।होता आ रहा वतन मेंहर वर्ष हर्ष पूर्वक ।।पावस ऋतु की वर्षाजब दे चुकी है दस्तक ।तब चढ़…
सावन, मानव प्रौर पावस डा० जी० भक्त सावन का है मास सुहावन ।हरा भरा कितना मन भावन ।।सजा-धजा प्रकृति का आंगन ।बाग-बगीचा वन और उपवन।।पावस आया बादल लाया।धरती को जल…
भारत की आत्मा धन और बल नहीं, जन-जन से प्रेम करती है। डा० जी० भक्त 1है प्राकृत परिवेश सृष्टि का सबसे उत्तम।जिसकी गाथा गाते सारे देव नरोत्तम ।।नदियाँ गाती गीत…
भारतीय संस्कृति में होली का परिदृश्य डा० जी० भक्त भारतीय धार्मिक त्योहारों में, देख भैयासतयुग में होलिका दहन का इतिहास हैतब से प्रचलित पर्व घर-घर में,छाया हर्ष, बाल वृद्ध युवक…
कैसे मनेगी होली डा० जी० भक्त कोई पूछता है होली का हवाला ।यहाँ तो पॉकिट रहता है दिवाला।।कहते है जब से कोरोना आया।देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा पाला।।मिट नहीं रहा…