Category: हिंदी कविता

हिंदी कविता

प्रेम शिकार

प्रेम शिकार क्षितिज उपाध्याय “किशोर” मेरे दिल की बगिया में फूल बन आयी थी, भावों के बगिया में भौरा बन गुनगुनायी थी, साथी बनकर मंदिर में खुशियों को सजायी थी,…

नेता जी

नेता जी क्षितिज उपाध्याय “किशोर” कहते है ,नेता जी यह बिमारी है? कौन-सी है,जो मेरी रिपोर्ट में लिखा है,जो कुछ भी राजनितिक की भाषा है। लिखा है ,मेरा रिपोर्ट में…

भौतिक का इतिहास

भौतिक का इतिहास क्षितिज उपाध्याय “किशोर” ज्यों-ज्यों आए भौतिक का याद, त्यों-त्यों दिल धड़के। बिना बादल बरसात रात भर, बिजली-सी कड़के। काश इस धरती पर Newton, पैदा न होता। भौतिक…

नवोदय से नवोदय, प्रवेश के बाद

नवोदय से नवोदय, प्रवेश के बाद क्षितिज उपाध्याय “किशोर” मुझे नवोदय सारण ने भेजा, और नवोदय में कहां दम था। मुझे जहां भेजा गया वहां पानी ही कम था। मुझे…

मेरे सपनों का भारत

मेरे सपनों का भारत क्षितिज उपाध्याय “किशोर” मेरे सपनों का भारत में, देश में राम-राज्य होगा। भेद-भाव न होगा मन में, भाव एकता का होगा। एक सूत्र में बंध कर,…

ये दोस्ती

ये दोस्ती क्षितिज उपाध्याय “किशोर” मीठी-मीठी बातो से, हंसी-मुलाकातों से, जगी-जगी ये दोस्ती, हाँ, ये दोस्ती। बातो का मेला है, ये भी क्या दूरी है? आज मेरा ,कल तेरा है।…