Category: हिंदी कविता

हिंदी कविता

क्यूँ ? , जब रुह एक है तो जिस्मों के बीच ये दूरी क्यूँ सच्चा प्यार अक्सर अधूरा होता है

क्यूँ ? जब रुह एक है तो जिस्मों के बीच ये दूरी क्यूँ सच्चा प्यार अक्सर अधूरा होता है ये सोचना

वक्त लगेगा.. , सुनो ! ज़रा देर से आना , वक्त लगेगा की जख्म अभी नासूर हैं |

वक्त लगेगा..! सुनो ! ज़रा देर से आना , वक्त लगेगा की जख्म अभी नासूर हैं , भरने में वक्त लगेगा | तुमसे जो सीखा हैं , उसे आज़माने में…

हम आशिक है उनके, उनके एक इशारे पे , मर मिटने को तैयार बैठे हैं |

उनके एक इशारे पे , मर मिटने को तैयार बैठे हैं | उनके एक इशारे पे , मर मिटने को तैयार बैठे हैं | हम आशिक है उनके , उनके…

“बचपन अब कहाँ ” , “बचपन अब कहाँ ” तलाश ता रहता हूँ इंटरनेट पर, बचपन को हर रात, इतनी जल्दी क्यों बड़े हो गए?

“बचपन अब कहाँ “ “बचपन अब कहाँ “ तलाश ता रहता हूँ इंटरनेट पर बचपन को हर रात इतनी जल्दी क्यों बड़े हो गए? पर बचपन में तो जवानी थी…

मां तो मां ही होती है , जब गुज़ उठी किलकारी, घर के आंगन में सब हसे लेकिन मैं रो रहा था।

जब गुज़ उठी किलकारी जब गुज़ उठी किलकारी, घर के आंगन में सब हसे लेकिन मैं रो रहा था, क्योंकि मैं उस समय मा से लिपटकर उसकी हुई दर्द महसूस…