Category: हिंदी कविता

हिंदी कविता

पगली ! हँसी नही थी फ़िल्मो मे देखा था .., मैने फ़िल्मो में देखा था , वो जो एक नज़र में दिल मे उतर जाए |

पगली ! हँसी नही थी फ़िल्मो मे देखा था …..! मैने फ़िल्मो में देखा था , वो जो एक नज़र में दिल मे उतर जाए | पता नही कब अचानक…

क्यूँ ? , जब रुह एक है तो जिस्मों के बीच ये दूरी क्यूँ सच्चा प्यार अक्सर अधूरा होता है

क्यूँ ? जब रुह एक है तो जिस्मों के बीच ये दूरी क्यूँ सच्चा प्यार अक्सर अधूरा होता है ये सोचना

वक्त लगेगा.. , सुनो ! ज़रा देर से आना , वक्त लगेगा की जख्म अभी नासूर हैं |

वक्त लगेगा..! सुनो ! ज़रा देर से आना , वक्त लगेगा की जख्म अभी नासूर हैं , भरने में वक्त लगेगा | तुमसे जो सीखा हैं , उसे आज़माने में…

हम आशिक है उनके, उनके एक इशारे पे , मर मिटने को तैयार बैठे हैं |

उनके एक इशारे पे , मर मिटने को तैयार बैठे हैं | उनके एक इशारे पे , मर मिटने को तैयार बैठे हैं | हम आशिक है उनके , उनके…

“बचपन अब कहाँ ” , “बचपन अब कहाँ ” तलाश ता रहता हूँ इंटरनेट पर, बचपन को हर रात, इतनी जल्दी क्यों बड़े हो गए?

“बचपन अब कहाँ “ “बचपन अब कहाँ “ तलाश ता रहता हूँ इंटरनेट पर बचपन को हर रात इतनी जल्दी क्यों बड़े हो गए? पर बचपन में तो जवानी थी…