तूम उठो ।
तूम उठो । अब रात भर के चिन्तनों में वेग भर दो । उठ पवन के साथ गति को तेज कर दो ।। देख सूरज तेज से जग को जगाना…
Poets Community
हिंदी कविता
तूम उठो । अब रात भर के चिन्तनों में वेग भर दो । उठ पवन के साथ गति को तेज कर दो ।। देख सूरज तेज से जग को जगाना…
हमारा परिवेश और परिप्रेक्ष्य गाँव की गरिमा गयी अब शहर सुन्दर लग रहा है । अमृत घड़ा को त्याग सब विष का प्याला छक रहा है ।। खोद कर धरती…
जीवन पथ नदियों के पावन तट पर , प्रमुदित मन मानव बैठा । था सोच रहा जीवन का , पथ सुन्दर संगम जैसा ।। जो प्रगत प्रपात सरीखा , प्रवाहित…
कौमुदी महोत्सव शरच्चन्द्र की चारुचन्द्रिका उज्जवल धवल विमल वातायन । पूनम का प्रमुदित नभमंडल सुरभित मुखरित कविकुल गायन ।। आज उपस्थित कुमुद कलिसम संकुल कविजन सुजनसुम्नसम । सभा मध्य संगीत…
दुर्गा पूजा देवि दुर्गा दिव्यता का पूंज है । नारियों में वीरता से पूर्ण हैं । भारती भारत भवन में गुंज है । संस्कृति के भाव से अदुण्ण है ।।…
गाँधी जी के जन्म दिवस पर सृष्टि में , जन्म दिन सम्भावनाएँ लेकर आता है एवं मृत्यु में उसकी परिणति पाता है । कर्मयम प्रकृति जन्मदातृ है , तो जाकक…