खेत खलिहान ,उठो सबेरे हुआ बिहान ,खेती करने चला किसान ।
खेत खलिहान उठो सबेरे हुआ बिहान । खेती करने चला किसान ।। कृषि प्रधान देश की गरिमा । हरित क्रान्ति की है यह महिमा ।। हरी – भरी है खेत…
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हिंदी कविता
खेत खलिहान उठो सबेरे हुआ बिहान । खेती करने चला किसान ।। कृषि प्रधान देश की गरिमा । हरित क्रान्ति की है यह महिमा ।। हरी – भरी है खेत…
होली आयी होली है त्योहार रंग का । हँसी – खुशी , उत्साह उमंग का ।। खाते और बजाते ढोल । भंग रंग का है माहौल ।। भाभी सब्जी काट…
मुबारकबाद कहते सभी मुबारकबाद । नये वर्ष का नूतन स्वाद ।। कहते है सब वर्ष नया है । और पुराना चला गया है ।। लेकर आया मन में हर्ष ।…
मेरी बगिया सुन्दर लगती मेरी गगिया । हरी – भरी है जिसकी पतिया ।। फल- -फूलों का है भंडार । नींबू , अमरुद और अनार , लीची , आम ,…
बरसात गर्मी गयी , आयी बरसात । पानी पड़ता है दिन – रात ।। काले बादल घूम रहे हैं । धरती को वे चूम रहे हैं ।। बच्चे खुश हो…
मेरी बगिया जब भी घर पर छुट्टी पाओ । उस दिन मेरी बगिया आओ । तरह – तरह के फूल खिले हैं । मेरे मन के रंग मिले हैं ।।…