गणतंत्र दिवस और भारत वर्ष,भारत के लिए गणतंत्र ,संस्कृति का है मूलमंत्र ।।
गणतंत्र दिवस और भारत वर्ष भारत के लिए गणतंत्र ।। संस्कृति का है मूलमंत्र ।। जनतंत्र का भाव है निर्मल । त्रेता युग की कथा समुज्जवल ।। रधुकुल में थे…
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हिंदी कविता
गणतंत्र दिवस और भारत वर्ष भारत के लिए गणतंत्र ।। संस्कृति का है मूलमंत्र ।। जनतंत्र का भाव है निर्मल । त्रेता युग की कथा समुज्जवल ।। रधुकुल में थे…
जगे रहो जागृत रहना सीखो बच्चों , जागृति में है जीवन निर्भर । जगता वह पाता है जग में , सीख सिखाता बनकर निर्भर ।। चलना है जीवन कहलाता ,…
मेरा गाँव हरा भरा है मेरा गाँव । धन वैभव से भरा है गाँव ।। पढ़ा – लिखा है मेरा गाँव । खूब सजा है मेरा गाँव ।। बाग बगीचे…
गाय हमारी भोली – भाली मेरी गाय । उसके दूध से बनती चाय ।। खाती , भूसा , चोकर , घास । सब दिन रहती मेरे पास ।। बच्चे पीते…
यह कैसा खेल क्या खेल खेलते हो तुम , क्यानाच नचाते हो तुम । क्या मानवता का विकृत विद्रूप रचाते हो तुम ।। दुनियाँ वालों मैं पूछू क्या यही है…
गुगल्स को नववर्ष की सुखद सम्वेदना प्रेषित नव वर्ष को अर्पित समर्पित विश्व को संगीत । सम्वेदना की पीड देती । चेतना के गीत ।। उस वेदना की चिर स्मृति…