जय मां दुर्गे , दुर्गा माता की जय – जय हो, जन- जन सुखी और निर्भय हो ।

जय मां दुर्गे । दुर्गा माता की जय – जय हो । जन- जन सुखी और निर्भय हो । । रोग कभी न उन्हें सताये । दुर्दिन उनपर कभी न…

पवन पानी पनघट और प्यास , पवन पानी पनघट और प्यास ।

पवन पानी पनघट और प्यास पवन पानी पनघट और प्यास , इसी पर निर्भर है जीवन की आसा काल के वश चलता है जीवन , इसके लिए करना पड़ता है…

जब नफरत था, तो प्यार का सपना था, कविता; जब नफरत था, तो प्यार का सपना था।

जब नफरत था, तो प्यार का सपना था। जब नफरत था, तो प्यार का सपना था। जब नफरत था, तो प्यार का सपना था। जब प्यार हुआ, तो नफरत एक…

प्रेम है क्या, कविता; एक नजरिया,एक एहसास।

प्रेम है क्या एक नजरिया,एक एहसास। एक आनन्द,एक विश्वास। जो ईश्वर है, जो शक्ति है। जो पवित्र है, जो सौन्दर्य है। जो जिंदगी है, और जो सत्य है। प्रेम एक…