”Growing of a child”, Bipin Kumar
”Growing of a child” Bipin Kumar Child are born with pure soul Adorned with natural smile And having artistical profile Every gesture is free of deception Absolutely innocent and charming…
Poets Community
”Growing of a child” Bipin Kumar Child are born with pure soul Adorned with natural smile And having artistical profile Every gesture is free of deception Absolutely innocent and charming…
उनके एक इशारे पे , मर मिटने को तैयार बैठे हैं | उनके एक इशारे पे , मर मिटने को तैयार बैठे हैं | हम आशिक है उनके , उनके…
“बचपन अब कहाँ “ “बचपन अब कहाँ “ तलाश ता रहता हूँ इंटरनेट पर बचपन को हर रात इतनी जल्दी क्यों बड़े हो गए? पर बचपन में तो जवानी थी…
जब गुज़ उठी किलकारी जब गुज़ उठी किलकारी, घर के आंगन में सब हसे लेकिन मैं रो रहा था, क्योंकि मैं उस समय मा से लिपटकर उसकी हुई दर्द महसूस…
जिंदगी 1. जब दादी की कहानियां ही लोरी थी और दादी का गोद ही सिरहाना था सच कहूं तो वो बड़ा ही खूबसूरत जमाना था स्कूल जाने की ख़्वाहिश तो…
ऐसा लगता है, की जैसे खत्म मेला हो गया, अब उड़ जाएगी, आंगन से चिड़िया घर अकेला हो जायेगा। उस दिन मेरी दोस्त को दुर जाने का ख्याल आया होगा…