गुण – दोष,आज्ञा पालन हमें दिलाता स्नेह बड़ों से, सेवा और नम्रता गुण है श्रेष्ठ सबों से ।

गुण – दोष 1 आज्ञा पालन हमें दिलाता स्नेह बड़ों से । सेवा और नम्रता गुण है श्रेष्ठ सबों से ।। सत्कर्म सदा फुलता – फलता यश पुण्य प्रदाता ।…

सृष्टि के बदलते आयाम ,ब्रह्म और प्रकृति के अदभूत खेल सरीखे, सूर्य चन्द्र नक्षत्र सितारे सबकुछ देखे ।

सृष्टि के बदलते आयाम 1 ब्रह्म और प्रकृति के अदभूत खेल सरीखे , सूर्य चन्द्र नक्षत्र सितारे सबकुछ देखे । पृथ्वी सागर भूमि पवन जंगल फिर पानी , दिवा –…

दौड़ लगाती दफ्तर जाती , लौट – लौट जाकर दरबार ।।

दौड़ लगाती दफ्तर जाती , लौट – लौट जाकर दरबार ।। काम नही करते जो बाबू उनसे चलती है सरकार । काम कराते वहाँ एजेन्ट है नेता जी को क्या…