व्यंजन ,करते हैं सबका मन रंजन , विविध ठंग के बने व्यंजन ।
व्यंजन करते हैं सबका मन रंजन । विविध ठंग के बने व्यंजन ।। स्वाद बने कितना मन भावन । कितने सुन्दर , कितने पावन ।। मम्मी हर दिन हमें खिलाती…
Poets Community
व्यंजन करते हैं सबका मन रंजन । विविध ठंग के बने व्यंजन ।। स्वाद बने कितना मन भावन । कितने सुन्दर , कितने पावन ।। मम्मी हर दिन हमें खिलाती…
देश और देश भक्ति महावीर बुद्ध बापू ने , अपनी – अपनी बात बतादी । उत्तम जीवन का पथ देकर उसपर चलना हमें सिखादी ।। लेकिन क्या हम सीख सके…
गणतंत्र दिवस और भारत वर्ष भारत के लिए गणतंत्र ।। संस्कृति का है मूलमंत्र ।। जनतंत्र का भाव है निर्मल । त्रेता युग की कथा समुज्जवल ।। रधुकुल में थे…
जगे रहो जागृत रहना सीखो बच्चों , जागृति में है जीवन निर्भर । जगता वह पाता है जग में , सीख सिखाता बनकर निर्भर ।। चलना है जीवन कहलाता ,…
मेरा गाँव हरा भरा है मेरा गाँव । धन वैभव से भरा है गाँव ।। पढ़ा – लिखा है मेरा गाँव । खूब सजा है मेरा गाँव ।। बाग बगीचे…
गाय हमारी भोली – भाली मेरी गाय । उसके दूध से बनती चाय ।। खाती , भूसा , चोकर , घास । सब दिन रहती मेरे पास ।। बच्चे पीते…