बाजार की सैर , छुट्टी का दिन था एतवार, मम्मी पापा चले बाजार, साथ लगी फिर गुड़िया रानी |
बाजार की सैर छुट्टी का दिन था एतवार । मम्मी पापा चले बाजार ।। साथ लगी फिर गुड़िया रानी । करने लगी बहुत मनमानी ।। बोली मुझे – खिलौने लूँगी…
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बाजार की सैर छुट्टी का दिन था एतवार । मम्मी पापा चले बाजार ।। साथ लगी फिर गुड़िया रानी । करने लगी बहुत मनमानी ।। बोली मुझे – खिलौने लूँगी…
अपना गाँव अपना गाँव निराला है । चारो ओर उजाला है । बिजली की जगमग में देखो , हर मानव मतवाला है ।। घर में नारी खुशी मनाती , कृषक…
रक्षाबन्धन – 1 आया राखी का त्योहार , सुन्दर लगते घर बाजार । देखो बीता सावन मास , बहन संजोकर बैठी आस ।। भाई का करके अभिवंदन , लगा भाल…
ऋतुराज वसंत शिशिर समीर सुखद बह वायु । मधुमय सुरभित – पोषक आयु ।। विगत शीत उष्राता लाकर । वन उपवन जागृति जगाकर ।। विटप वृन्द वट पीपल पर्कट ।…
बरसात देखो आयी है बरसात , बूंदे पड़ती हैं दिन – रात । छायी हुई घटायें काली , दिन में फैल गयी अंघियाली ।। पानी पड़ता जोर – शोर से…
सदाचार है सुबह सुहाना , रोज नहाना , लगता मुझको प्यारा । स्वच्छ बनाता हमे सजाता , देता जीवन न्यारा ।। नियमवद्ध होकर चलना , सिखलाता हमको बढ़ना । दुनियाँ…