धर्म प्रधान से स्वांग महान तक, आज के पर्व त्योहार और हम
धर्म प्रधान से स्वांग महान तक, आज के पर्व त्योहार और हम डा० जी० भक्त संकटापन्न जब आज विश्व है, और मनाते हम त्योहार ।युद्ध की ज्वाला धधक रही, फिर…
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धर्म प्रधान से स्वांग महान तक, आज के पर्व त्योहार और हम डा० जी० भक्त संकटापन्न जब आज विश्व है, और मनाते हम त्योहार ।युद्ध की ज्वाला धधक रही, फिर…
विजया दशमी, अब तक दुनियाँ, न समझी न सम्हली डॉ० जी० भक्ता हे देवि ! तू तो लड़ी तलवार कृपाण भाला से ।मैं लड़ता हूँ पूष्प और माला से ।।बापू…
शिक्षक दिवस और हमारे शिक्षक समुदाय डा० जी० भक्त अर्पित करते रहे सदा से श्रद्धा सुमन सुशिक्षित जन को ।और अपेक्षा उनसे रखते प्रेरणा प्रसून हो प्राप्त हम सबको ।।नही…
एक रहस्मय रक्षाबंधन डा० जी० भक्त निखर रहें है आज गाँव घर और वहाँ के हाट बजार।जैसे निक्षर रहा हैं देखते भाई बहन का निर्मल प्यार ।।हँसी खुशी और प्रेम…
चन्द्रारोहण, परमार्थ परमात्मा का डा० जी० भक्त जनमंगल मुद मंगलकारी, तूही हो वनवारी ।तेरी धरती अन्नपूर्ण है शस्य श्यामला सारी ।।नील गगन सागर नीला है सूरज चाँद सरोवर ।वन उपवन…
स्वतंत्रता दिवस डा० जी० भक्त स्वतंत्रता दिवस का अत्सवपन्द्रह अगस्त अब तक ।होता आ रहा वतन मेंहर वर्ष हर्ष पूर्वक ।।पावस ऋतु की वर्षाजब दे चुकी है दस्तक ।तब चढ़…