Author: Kshitij Upadhyay KISHOR

मेरा बिहार , धरती का उपहार है न्यारा, है सुन्दर बिहार हमारा ।

मेरा बिहार धरती का उपहार है न्यारा । है सुन्दर बिहार हमारा ।। शहर तीर्थ उसके है प्राण , वैभव से है भरा खदान । धरती जिसकी स्वर्ण उगलती ,…

दिवाली , देखो आयी आज दिवाली, घर – घर में छायी उजियाली ।

दिवाली देखो आयी आज दिवाली । घर – घर में छायी उजियाली ।। सजा धजा है सबका आंगन । लगता है कितना मन भावन ।। दीपक और फुलझड़ियाँ जलते ।…

तिरंगा झण्डा , बडे बॉस का ऊँचा डंडा ,उससे लटके मेरा झंडा ।

तिरंगा झण्डा बडे बॉस का ऊँचा डंडा । उससे लटके मेरा झंडा ।। तीन रंग है उसमें देखो । हरा , केशरिया , उजला , सीखों ।। गोल चक्र है…

रक्षाबन्धन , राखी आने वाली है, पॉकिट मेरी खाली है ।

रक्षाबन्धन राखी आने वाली है । पॉकिट मेरी खाली है ।। बहना आने वाली है । वह चिट्टी दे डाली है ।। आयेगी वह मेरे घर । फोडेगी वह मेरा…

वर्षा , आसमान में बादल छाया, देख सभी का मन हर्षाया ।

वर्षा आसमान में बादल छाया । देख सभी का मन हर्षाया ।। काले – काले बादल छाये । मीठे – मीठे जल बरसाये ।। बिजली चमकी , बादल गरजा ।…