भौतिक का इतिहास
भौतिक का इतिहास क्षितिज उपाध्याय “किशोर” ज्यों-ज्यों आए भौतिक का याद, त्यों-त्यों दिल धड़के। बिना बादल बरसात रात भर, बिजली-सी कड़के। काश इस धरती पर Newton, पैदा न होता। भौतिक…
Poets Community
भौतिक का इतिहास क्षितिज उपाध्याय “किशोर” ज्यों-ज्यों आए भौतिक का याद, त्यों-त्यों दिल धड़के। बिना बादल बरसात रात भर, बिजली-सी कड़के। काश इस धरती पर Newton, पैदा न होता। भौतिक…
नवोदय से नवोदय, प्रवेश के बाद क्षितिज उपाध्याय “किशोर” मुझे नवोदय सारण ने भेजा, और नवोदय में कहां दम था। मुझे जहां भेजा गया वहां पानी ही कम था। मुझे…
मेरे सपनों का भारत क्षितिज उपाध्याय “किशोर” मेरे सपनों का भारत में, देश में राम-राज्य होगा। भेद-भाव न होगा मन में, भाव एकता का होगा। एक सूत्र में बंध कर,…
ये दोस्ती क्षितिज उपाध्याय “किशोर” मीठी-मीठी बातो से, हंसी-मुलाकातों से, जगी-जगी ये दोस्ती, हाँ, ये दोस्ती। बातो का मेला है, ये भी क्या दूरी है? आज मेरा ,कल तेरा है।…
दोस्त(ii) क्षितिज उपाध्याय “किशोर” हर आदमी के दोस्त एक संबधी होता है। दोस्ती टूटने से , पहले संबध टूटता है। संबध से पहले, विश्वास से पहले, दिल। अलग होता है,…
दोस्त क्षितिज उपाध्याय “किशोर” आदमी से आदमी, दोस्त से दोस्त, संबधी से संबधी, जुदा होता है। दोस्त से पहले, संबधी से पहले, आँखों से पहले, दिल। अलग-होता है, जैसे-पौधे से,…