Author: Kshitij Upadhyay KISHOR

दोषी कौन , इस विशाल भू – पटल पर,सामान्य है मानव का , पराकम है दानव का ।

दोषी कौन इस विशाल भू – पटल पर , सामान्य है मानव का , पराकम है दानव का , भीषण प्रचंड शोषण , और फैलता प्रदूषण ! धरती , आकाश…

जन्मदिन का उपहार , आया,जन्मदिन तुम्हारा,हर्ष भरा सुनहला प्यारा ।

जन्मदिन का उपहार आया , जन्मदिन तुम्हारा , हर्ष भरा सुनहला प्यारा । आया जन्मदिन तुम्हारा । । तेरी यादों की गुनगुनाहट , तेरे ओठो की मुस्कुराहट । तेरी आँखों…

बोलती है आम जनता , है जनमते एक जैसे . भेद जीवन में पनपता ।

बोलती है आम जनता है जनमते एक जैसे . भेद जीवन में पनपता । जी सके उत्कर्ष लेकर मार्ग पर अपनी सजगता । । दीनता होती नहीं , बाधक जगत…

गीत बनकर जी रहे है , क्या सुनाउँ गीत क्या श्रद्धांजलि अर्पित कर मैं।

गीत बनकर जी रहे है क्या सुनाउँ गीत क्या श्रद्धांजलि अर्पित कर मैं । दर्द लेकर इस हृदय की , आह चर्चित क्यों कर मैं ।। बोधकर विज्ञान का ,…

श्रद्धा सुमन , हर पल , हर दिन , हर वर्ष , आदिकाल से ही जैविक सृष्टि का सिरमौर , शिशु , बालक , कशोर , युवा प्रौढ और वयोवृद्ध ।

श्रद्धा सुमन हर पल , हर दिन , हर वर्ष , आदिकाल से ही जैविक सृष्टि का सिरमौर , शिशु , बालक , कशोर , युवा प्रौढ और वयोवृद्ध ,…