Author: Kshitij Upadhyay KISHOR

प्रेम है क्या, कविता; एक नजरिया,एक एहसास।

प्रेम है क्या एक नजरिया,एक एहसास। एक आनन्द,एक विश्वास। जो ईश्वर है, जो शक्ति है। जो पवित्र है, जो सौन्दर्य है। जो जिंदगी है, और जो सत्य है। प्रेम एक…

बड़ी अजीब-सी है, ये जिंदगी, कविता; बड़ी अजीब-सी है, ये जिंदगी।

बड़ी अजीब-सी है, ये जिंदगी। बड़ी अजीब-सी है, ये जिंदगी। जो चाहा कभी पाया नहीं, जो पाया कभी सोच नही, और जो सोचा कभी मिला नही, और जो मिला कभी…

एक दिन हम जुदा हो जायेगें, कविता; एक दिन हम जुदा हो जायेगें, न जाने कहाँ खो जायेगें।

एक दिन हम जुदा हो जायेगें एक दिन हम जुदा हो जायेगें, न जाने कहाँ खो जायेगें, तुम लाख पुकारोगे हम को, पर लौट के हम न आयेगें, थक-हार के…

आती है याद , जब तुम्हारी याद आती है, आँखे खुशी से भर आती है।

आती है याद। जब तुम्हारी याद आती है, आँखे खुशी से भर आती है, तुम्हरा प्यार, मेरे लिए नई प्रेरणा दे जाती है । जब तक सासे रहेगें, तब तक…

सुरसरिता , नदियो में पानी है बहता , और झील में स्थिर रहता ।

सुरसरिता नदियो में पानी है बहता , और झील में स्थिर रहता । । जब पर्वत पर वर्फ पिघलता , तब धरती पर निर्झर झरता । । धरती के अंदर…

नील गगन , नील गगन,श्यामल भूतल है,नीला सागर ज्यों लहराता ।

नील गगन नील गगन , श्यामल भूतल है , नीला सागर ज्यों लहराता । सूरज चाँद पतंग सरीखे , किरण डोर पर है फहराता । । पवन मार्ग पर बादल…