हमारा परिवेश और परिप्रेक्ष्य
हमारा परिवेश और परिप्रेक्ष्य गाँव की गरिमा गयी अब शहर सुन्दर लग रहा है । अमृत घड़ा को त्याग सब विष का प्याला छक रहा है ।। खोद कर धरती…
Poets Community
हमारा परिवेश और परिप्रेक्ष्य गाँव की गरिमा गयी अब शहर सुन्दर लग रहा है । अमृत घड़ा को त्याग सब विष का प्याला छक रहा है ।। खोद कर धरती…
Poem Dr. G. Bhakta First be aware of general feature. And the symptoms patienls declare. keep distance and have consciousness. cleanliness of appliances and awareness Maintain routine food and affairs…
जीवन पथ नदियों के पावन तट पर , प्रमुदित मन मानव बैठा । था सोच रहा जीवन का , पथ सुन्दर संगम जैसा ।। जो प्रगत प्रपात सरीखा , प्रवाहित…
कौमुदी महोत्सव शरच्चन्द्र की चारुचन्द्रिका उज्जवल धवल विमल वातायन । पूनम का प्रमुदित नभमंडल सुरभित मुखरित कविकुल गायन ।। आज उपस्थित कुमुद कलिसम संकुल कविजन सुजनसुम्नसम । सभा मध्य संगीत…
दुर्गा पूजा देवि दुर्गा दिव्यता का पूंज है । नारियों में वीरता से पूर्ण हैं । भारती भारत भवन में गुंज है । संस्कृति के भाव से अदुण्ण है ।।…
THE CORONA WARRIER PRESERVER OF HEALTH AND HUMINITY Dr. G. Bhakta Even we cry do or die gravely face the foe and fie The pandemic we met is not indemic…