मेरी बगिया , सुन्दर लगती मेरी गगिया ,हरी – भरी है जिसकी पतिया ।
मेरी बगिया सुन्दर लगती मेरी गगिया । हरी – भरी है जिसकी पतिया ।। फल- -फूलों का है भंडार । नींबू , अमरुद और अनार , लीची , आम ,…
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मेरी बगिया सुन्दर लगती मेरी गगिया । हरी – भरी है जिसकी पतिया ।। फल- -फूलों का है भंडार । नींबू , अमरुद और अनार , लीची , आम ,…
बरसात गर्मी गयी , आयी बरसात । पानी पड़ता है दिन – रात ।। काले बादल घूम रहे हैं । धरती को वे चूम रहे हैं ।। बच्चे खुश हो…
मेरी बगिया जब भी घर पर छुट्टी पाओ । उस दिन मेरी बगिया आओ । तरह – तरह के फूल खिले हैं । मेरे मन के रंग मिले हैं ।।…
नया वर्ष गया दिसम्बर जनवरी आयी । घर – घर में खुशियाली छायी ।। छूट रहा है आज पटाखा । खत्म हुआ सब कष्ट निराशा ।। खायें , खेले लिए…
भूल किसकी 1 कह सकता है कोई मुझकों राष्ट्र का द्रोही । चल बतलाये जनमत उसने कैसे खो दी ।। देश आपका ही था , मतदाता थे अपने । सेवा…
गिरती गरिमा का परिदृश्य 1 हम भरत के वंश हरि के दंत गनिते । दिव्य वेदों की ऋचायें याद करते ।। आज गरिमा जो हमारी गिर रही है । और…