Author: Kshitij Upadhyay KISHOR

 फल परिवार , गाँवों की उपजाउ धरती , फल – फूलों से सुन्दर लगती ।

फल परिवार गाँवों की उपजाउ धरती , फल – फूलों से सुन्दर लगती । खेतों की है घटा निराली , झूम रही फसलों की बाली ।। बागों में फल की…

तितली, दीन हूँ मैं , गमगीन नहीं हूँ, फूलों का शौकीन रही हूँ ।

तितली दीन हूँ मैं , गमगीन नहीं हूँ फूलों का शौकीन रही हूँ ।। चंचल और हसीन भली हूँ । नाजुक वो कमसीन सही हूँ । वसती हूँ मैं बागों…

जन्म दिन, हुआ सवेरा आज मनोहर, लेकर अपनी गोद धरोहर ।

जन्म दिन हुआ सवेरा आज मनोहर लेकर अपनी गोद धरोहर । गीत सुनाती किरणें आयी जीवन का संदेश सुनायी ।। आज मिठाई हम बाटेंगे , मिलजुल कर सब ही खायेंगे…

सीख, पहली शिक्षा माँ की गोद , दूसरी शिक्षा अक्षर बोध ।  

सीख पहली शिक्षा माँ की गोद । दूसरी शिक्षा अक्षर बोध ।। तिसरी शिक्षा आज्ञा पालन । चौथी है नैतिक अनुशासन ।। पंचम सीख जीवन की कला । छठा करना…

ग्रीटिंग कार्ड, डाकिया आया , डाकिया आया ,मेरे लिए लिफाफा लाया ।

ग्रीटिंग कार्ड डाकिया आया , डाकिया आया । मेरे लिए लिफाफा लाया ।। उत्सुकता से खोला उसको । खुश होकर दिखलाया सबको ।। देखी उसमें चिट्टी लाल । गुड़िया ने…

 व्यंजन ,करते हैं सबका मन रंजन , विविध ठंग के बने व्यंजन ।

व्यंजन करते हैं सबका मन रंजन । विविध ठंग के बने व्यंजन ।। स्वाद बने कितना मन भावन । कितने सुन्दर , कितने पावन ।। मम्मी हर दिन हमें खिलाती…