रक्षाबन्धन , आया राखी का त्योहार , सुन्दर लगते घर बाजार ।
रक्षाबन्धन – 1 आया राखी का त्योहार , सुन्दर लगते घर बाजार । देखो बीता सावन मास , बहन संजोकर बैठी आस ।। भाई का करके अभिवंदन , लगा भाल…
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रक्षाबन्धन – 1 आया राखी का त्योहार , सुन्दर लगते घर बाजार । देखो बीता सावन मास , बहन संजोकर बैठी आस ।। भाई का करके अभिवंदन , लगा भाल…
ऋतुराज वसंत शिशिर समीर सुखद बह वायु । मधुमय सुरभित – पोषक आयु ।। विगत शीत उष्राता लाकर । वन उपवन जागृति जगाकर ।। विटप वृन्द वट पीपल पर्कट ।…
बरसात देखो आयी है बरसात , बूंदे पड़ती हैं दिन – रात । छायी हुई घटायें काली , दिन में फैल गयी अंघियाली ।। पानी पड़ता जोर – शोर से…
सदाचार है सुबह सुहाना , रोज नहाना , लगता मुझको प्यारा । स्वच्छ बनाता हमे सजाता , देता जीवन न्यारा ।। नियमवद्ध होकर चलना , सिखलाता हमको बढ़ना । दुनियाँ…
सब्जी संसार खेत हमारी हरी भरी है , उसमें गोभी लगी हुयी है । बैगन की मत पूछो भाई , सुन्दर लगती पीली राई ।। मूली गाजर और चुकन्दर ,…
वन जीवन एक दिन गाँव का चूहा निकला अपने बिल से । जाकर बोला भालू काका ! कहता हूँ मैं दिल से ।। बड़ा जुर्म है हम जीवों पर जीना…