है गणतंत्र दिवस आया , उल्नास भरा भारत भर में ।
गौरवमय इतिहास हमारा , याद करेगा विश्व हमें ।
समता , भाईचारा , स्वतंत्रता , का है मूलमंत्र जिसजग में ।
फैल रहा , वह राष्ट्र धनी है , नीति और सिद्वांत नियम में । ।
उसका ध्वजा तिरंगा बनकर , बल साहस प्रगति का सूचक ।
है लहराता मुक्त गगन में , सत्य अहिंसा का वह पूजक । ।
है यह पर्व महान राष्ट्र का , याद दिलाता है कुर्वानी ।
वीरों की , नेताओं की , जिसने लौटायी है आजादी । ।
आज चढ़ायें फूल प्रेम के , कर संकल्प राष्ट्र प्रेम का ।
भारत माता के चरणो मे , व्रत ले भारत की रक्षा का । ।
शत्कोटि जनता की धरती , आज पहन ली श्यामल चुनरी ।
लाल किरण पर चढकर आयी , आज सुनहरी छब्बीस जनवरी ।।
घर – घर , विद्यालय , दफ्तर में , झंडा आज फहरता पाया । ।
धन्य – धन्य हम देश निवासी , जो जग में है नाम कमाया । ।
आज आजादी की रक्षा की , शिक्षा लेंगे हम सब बालक ।
सत्य न्याय , सौहार्द , प्रेम का , सेवा और नियम का पालक ।।
उसका ध्वजा तिरंगा बनकर , बल साहस प्रगति का सूचक ।
है लहराता मुक्त गगन में , सत्य अहिंसा का वह पूजक । ।
है यह पर्व महान राष्ट्र का , याद दिलाता है कुर्वानी ।
वीरों की , नेताओं की , जिसने लौटायी है आजादी । ।
आज चढ़ायें फूल प्रेम के , कर संकल्प राष्ट्र प्रेम का ।
भारत माता के चरणो मे , व्रत ले भारत की रक्षा का । ।
शत्कोटि जनता की धरती , आज पहन ली श्यामल चुनरी ।
लाल किरण पर चढकर आयी , आज सुनहरी छब्बीस जनवरी ।।
घर – घर , विद्यालय , दफ्तर में , झंडा आज फहरता पाया । ।
धन्य – धन्य हम देश निवासी , जो जग में है नाम कमाया । ।
आज आजादी की रक्षा की , शिक्षा लेंगे हम सब बालक ।
सत्य न्याय , सौहार्द , प्रेम का , सेवा और नियम का पालक ।।
डॉ0 जी भक्त
Achha hai
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