शिव पार्वती पूजन

डा० जी० भक्त

आज तिथि त्रयोदशी, फाल्गुण कृष्णा पक्ष मधुमस्त ।
पुण्योत्सव बुधवार दिवस बन पूर्ण करे दाम्पत्य मनोरथ ।।
रही परम्परा भारत की त्योहार बनी कल्याण कारिणी।
शिव पार्वती पूजन और अर्चन प्रनमन वन्दन ज्ञान दायिनी ।।
सृष्टि-वृत्ति और जीवनी, शुचि समृद्धि लोक हित कारी।
समता सद्व्यवहार ध्यान दया दान प्राण के दानी ।।
शिव दाता शिवा है माता, उभय विश्व के बने विधाता ।
जैसे जन मन वैसे जन धन, तन मन धन के निमार्ता ।।
हम मानव समाज के सर्जक, अर्जक, धर्म प्रवर्तक ज्ञान के।
समता, एकता और मानवता के संस्थापक ग्राहक गुण के ।।
समाज, राष्ट्र अखिल विश्व, जीवन भी एक त्योहार बने।
जन मन में विश्वास दृढ़ हो, घर- घर आशीर्वाद फले ।।
आज मिलन संधान प्रेम का, दिवा रात्रि प्रकाश खिले ।
रवि शशि गंगा यमुना यावत, जीवन को नेतृत्व मिले ।।
यह संदेश हर युवा हृदय, आबाल वृद्ध हर नर नारी में।
सीता, राधा, शिवा- शिव शंकर, राम और हनुमान हर क्षण में।
मन वाणी और ध्यान स्मरण बना रहे आजीवन लक्ष्य ।
यही सनातन सत्य बने, संस्कार और व्यवहार प्रत्यक्ष ।।

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