होली आयी
होली है त्योहार रंग का ।
हँसी – खुशी , उत्साह उमंग का ।।
खाते और बजाते ढोल ।
भंग रंग का है माहौल ।।
भाभी सब्जी काट रही है ।
मम्मी आँटा सान रही है ।।
हरेक व्यंजन की भरमार ।
पूड़ी अब होगी तैयार ।।
दादी आकर पूआ छानी ।
छोटू उसमें डाला पानी ।।
साहिल पहले गुपचुप खाया ।
भर पिचकारी रंग चलाया ।।
गोलू दीदी निकली घर से ।
चार समोसे उसने परसे ।।
फूफा खाते है दही बाड़ा ।
पापा लाये चाट- -सिंघाड़ा ।।
घर पर जो सब मिलने आये ।
मैंने उन्हें गुलाल लगाये ।।
करते सब है हँसी ठिठोली ।
बुरा न मानो , आयी होली ।।
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