बरसात
देखो आयी है बरसात ,
बूंदे पड़ती हैं दिन – रात ।
छायी हुई घटायें काली ,
दिन में फैल गयी अंघियाली ।।
पानी पड़ता जोर – शोर से ,
शुरु हुआ है आज भोर से ।
रिमझिम – रिमझिम पड़े फुहार
गुड्डी को है लगी बुखार ।।
सब बच्चे है खुशी मनाते ,
छाता ले विद्यालय जाते ।
देखो गैया बोल रही है ,
अपना भोजन खोज रही है ।।
हवा चल रही धीरे – धीरे ,
नहीं काटते मच्छर कीड़े ।
पानी से भर गया तालाब ,
चलने लगी नदी में नाव ।।
खेतों में फैली हरियाली ,
लोगों में आयी खुशियाली ।
मेढ़क की टर्र – टर्र आवाज ,
देखो मल्लाहों का राज ।।
सूरज निकला अभी शाम में ,
इन्द्रधनुष है आसमान में ।
भींगा कुत्ता टहल रहा है ,
बेंग मजे में उछल रहा है ।।
सब बच्चे है ताली देते ,
नही किसी को गाली देते ।
प्यार भरा उनका है जीवन ,
सुखमय लगता है घर आंगन ।।
कितनी काली लगती रात ,
जबसे आयी है बरसात ।।
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