दूर्गा पूजा
बीती वर्षा सर्दी आयी ।
सभी ओर खुशहाली छायी ।।
झोली में ले चूड़ा – पूंजा ,
चलो देखने दूर्गा मेला ।।
तरह – तरह की मूर्ति सजती ,
चौराहे पर भीड़ है बढ़ती ।।
देखो आया बैलून वाला ,
बीन बजाता पिपही वाला ।।
गुड्डू , डब्लू सर्कस देखे , मुन्नी ,
पम्मी लिए पटाखे ।।
छोटी बबली ठुनक रही है ,
गोदी से वह सरक रही है ।।
झुनझुन्ना के लिए लड़ाई ,
और चाहती वर्फ मलाई ।।
मम्मी ने ली लड्डू , बर्फी ,
मुन्ना को हुई खाँसी – सर्दी ।।
भैया ने बादाम खरीदा ,
पकड़ा घर का रास्ता सीधा ।।
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