नाम और काम
राम नाम बदनाम है ,
सबसे अच्छा काम ।
नाम तो केवल नाम है ,
काम दिलाता दाम ।।
मोहन सोहन करे न जेहन ।
राधा करे न नाच ।
चंचल दिन भर बैठा रहता ,
सुधा लगाती आँच ।।
गौरव हर दिन गाली बकता ,
भिक्खू बाँटे कर्ज ।
बुद्धू काका मंत्री हो गये ,
है इसमें क्या हर्ज ।।
राजा है मजदूरी करता ,
पल्टन फोड़े ईंट ।
बिलट राउट बने विधायक ,
लेकर जद का सीट ।।
चन्दन की है देह महकती ,
गुड़िया गाये गीत ।
पहलवान सिंह गिड़े फिसलकर ,
चारो नाले चित्त ।।
दूधनाथ जी चाय चलाते ,
मिठ्ठू नमकीन खाये ।
सन्तलाल जी झगड़ा करते ,
रकटू पान चवाये ।।
धनिक लाल उधार खरीदते ,
मंगनी लाल दहेज ।
सुखी राम जी हैं संतोषी ,
सबकुछ करे परहेज ।।