गीत

 गंगू जी है गायक अच्छे ।

 गाते है गीतों के लच्छे ।।

 ताल – धुन – सुर – लय के राजा ।

 सदा हाथ में रहता बाजा ।।

 गाते और बजाते वीणा ।

 सुनकर सबको छुटे पसीना ।।

 खुले मुँह से निकले राग ।

 छोटे बच्चे निकले भाग ।।

 जैसे रोज हॅकड़ती गाय ।

 गंगू जी रह गये मुँह बाये ।।

 नये वर्ष का गीत पुराना ।

 गंगू जी हो गये दिवाना ।।

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