स्वतंत्रता का सफर
कुर्वाणी से मिलीआजादी ।
भ्रष्टाचार की कटती चाँदी ।।
संतावन का छोड़ो मोह ।
खून – खौलता सुन विद्रोह ।।
वीर कुँवर झाँसी की रानी ।
डलहौजी पर सीना तानी ।।
वीर सुभाष का जीवन त्याग ।
कहे बापू – अंग्रेजों भाग ।।
सैतालिस में मिली आजादी ।
सरकार बनाये खादी धारी ।।
गाँधी टोपी उनका सिम्बल ।
लूट शोषण था उनका सम्बल ।।
हुआ विकास देश भारत का ।
लाभ कमाया ऊँचा तबका ।।
अस्सी प्रतिशत रही गरीबी ।
जिनके सिर पर चढ़ी अमीरी ।।
भूखी – नंगी जनता सारी ।
सरकार बनाती दिल्ली वाली ।।
दिल वाले ही निकले चोर ।
कितने भ्रष्ट और घूसखोर ।।
आज देश हो गया दिवाला ।
खरबों का घपला , घोटाला ।।
मिटी साख मनमोहन जी की ।
यही श्रद्धांजली है बापू की ।।
स्वतंत्रता की लम्बी सफर ।
पूरी की हमने विमान पर ।।