काव्य कला
काव्य कला जानो तुम बच्चों ,
कर अभ्यास बनाओ कविता ।
ज्ञान ज्योति अपनाओ , गाओ ,
और प्रवाहित कर सुर सरिता ।।
काव्य गान महान विधा है ,
मान और सम्मान निहित है ।
कविता में सरस्वती विराजती ,
महाकाव्य जो नाम विदित है ।।
शब्द , भाव , आशु रचना है ,
गागर में सागर भरती है ।
नित स्मृति में जागृत रहकर ,
वातायन झंकृत करती है ।।
काव्य जिन्दगी की उपलब्धि ,
इससे जीवन होता पूर्ण ।
काव्य साधना , सरस्वती आराधना ,
सिद्धि दायिनी है सम्पूर्ण । ।