विद्या की देवी सरस्वती का पूजन
डा० जी० भक्त
-: उत्सवः-
विद्या दातृ सरस्वती मातृ।
भाग्य विधातृ नमस्तुते ।।
तेरी कृपा सदा हो हम पर।
चरण शरण हम नित पडते ।।
प्रति वर्ष मधुमास शुक्ल में,
तिथि पंचमी पूज्य दिवस है।
श्रद्धा सुमन चढ़ाते तुझको।
ज्ञान न धन कुछ परम विवश है।।
हंस सवारी, वीणा पाणि,
तूही ज्ञान-धन पुस्तक धारिणी
तेरी महिमा कविवर गाते ।।
शेषनाग, नारद सिद्ध ज्ञानी ।।
कमलासना तुम्हारी सेवा,
पूजन अर्चन भक्ति नहीं हो।
दीन भिखारी शरण तुम्हारी,
विद्या धन दो विर्मय कर दो।।
तुझे नमन शिक्षा की देवी।
हे माता, पा तेरा दर्शन।
श्रद्धा सुमन है तुम्हे समर्पित ।।