दीपावली लक्ष्मी पूजा
डा० जी० भक्त
आज दिवालो आ पहुँची है,
चहल पहल का दिन है आया।
देश की है पहचान जहाँ पर,
लक्ष्मी पूजा नाम है पाया।।
दीपोत्सव है रूप जिसे हम,
दीप जला का सदा मनाते।
अमा की अँधि याली को पूनम,
जैसी प्रभापूज से है चमकाते ।।
युगो से चलती आयी प्रथा,
नही वृथा मानते भारतवासी ।
यादगार इतिहास बना है
जब जब यहाँ मनी दीवाली ।।
चलो, चाँद सी धरती दिखती,
किलकारी भर खुशी मनायो।
बच्चों में उत्साह उमंगे,
रंगोली से खूब सजाली ।।
आंगन, दरवाजे, महलों पर
उतर चुके है चन्दा मामा।
नौ लाख सितारे चम-चम करते,
कैसी है धरती की आभा ।।