कैसे मनेगी होली

डा० जी० भक्त

कोई पूछता है होली का हवाला ।
यहाँ तो पॉकिट रहता है दिवाला।।
कहते है जब से कोरोना आया।
देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा पाला।।
मिट नहीं रहा रूस यूकेन का होहल्ला ।
मिशाइल और तोपों का हो रहा हमला ।।
वर्षो से जब-जब गावों में होली मनी ।
तब-तब छिट पुट गोलियाँ भी चली ।।
धूल कीचड़ प्रोटीन और अलकतरा ।
उससे होता है प्रदूषण का खतरा ।।
पूए पूड़ी पकवान और पकौड़ा ।
बाड़ा फुलौड़ी ने हाजमा विगाड़ा ।।
नशवन्दी नशाबंदी – जमावंदी पर पाबंदी ।
होली नयी नवेली प्रथा वड़ी गंदी ।।
हवेली में रंगों गलालों की धूम चली।
गाँवों की गलियां में फगुआ की हुजुम जगी ।।
रंग पिचकारी किलकारी से झूम उठी।
भंग की उमंग में मदंग ढोल बोलपड़ी ।।
दंगल विधान मंडल में मिडिया का वायरल ।
अखवार क पन्नों में छाया रहा उलझन । ।

—–×—–

विगरल राजनीति के सम्हरल गठबन्धन में ।
गुत्थी सुलझीवल बुझौवल की नीती से ।।
फगुआ के अगुओं साह मोदी, नीतीश ।
वावू यागी जी के भोज में ही हमनी के चलके ।।
राहुल जी ऑटा वो मैदा रिफाइन खातिर।
ऐड़ी से चोटी तक पसीना बहावतारण।
चौवीस के पीएम कोई बने या ना बने।
होली के अध्यक्ष बनके उहे एमकी आवत वारण।।
का कही भारत माता! हमनी के जान जात,
मंहगी बेरोजगारी आ गरीबी सतावत वारे।
होली के हमनी का जानी रोए कही,
दारू के बन्दी से सब गुड़ माटी वाटे ।।

By admin

One thought on “कैसे मनेगी होली”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *